ABOUT THE BOOK:
इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा जो प्रभु श्रीराम का चित्रण किया गया है उसका विशुद्ध और प्रमाणिक स्वरूप प्रस्तुत करना है। प्रभु श्रीराम को लेकर जो मिथक अवधारणाएं आम जन के मन में हैं, उन्हें दूर करने का प्रयत्न लेखिका के द्वारा किया गया है। श्रीराम द्वारा सीता का परित्याग हो या लक्ष्मण रेखा हो, शम्बूक वध हो या रामायण में मांसाहार का वर्णन हो, महर्षि वाल्मीकि जी के मुनि बनने से पूर्व उनके एक डाकू होने की बात हो या शबरी द्वारा श्रीराम को झूठे फल खिलाने की बात हो। इस प्रकार के अनेक विषयों से सम्बंधित शंकाओं को दूर करने का एक गिलहरी प्रयास है यह पुस्तक।
विशेष : यह पुस्तक वाल्मीकि रामायण के आधार पर तथ्यों और तर्कों से विभिन्न शंकाओं का समाधान तो कर सकती है किंतु कुतर्कों के समाधान के लिए लेखिका क्षमाप्रार्थी है।
इस आशा के साथ कि यह पुस्तक अपने पाठकों की उम्मीद पर खरी उतरेगी, आप सभी सुधि पाठकों को समर्पित..
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